तर्ज, मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा
मुझे तो आज भी मंजर सुहाना याद आता है। वो पहली बार वृंदावन का जाना याद आता है।मुझे तो आज भी मंजर सुहाना याद आता है। वो पहली बार वृंदावन का जाना याद आता है।
समझ चंदन लगाई थी वो गज गज मैंने माथे पर। सुखद एहसास वह बरसों पुराना याद आता है।मुझे तो आज भी मंजर सुहाना याद आता है। वो पहली बार वृंदावन का जाना याद आता है।
भुला कर होश दुनिया की तेरी चौखट पर बैठा था। हजारों बेबसी थी वही दीवाना याद आता है।मुझे तो आज भी मंजर सुहाना याद आता है। वो पहली बार वृंदावन का जाना याद आता है।
तुझे देखा तो बस हम देखते ही रह गए तुझको। नजर से हाले दिल तुमको सुनाना याद आता है।मुझे तो आज भी मंजर सुहाना याद आता है। वो पहली बार वृंदावन का जाना याद आता है।
बसाकर मन के मंदिर में युगल सरकार की झांकी। लिखा जो शांत ने उस पल तराना याद आता है। मुझे तो आज भी मंजर सुहाना याद आता है। वो पहली बार वृंदावन का जाना याद आता है।