गौरा मईया की चुनरी माथे पे डाल के।गोपी बन जाओ भोले घुंघटा निकाल के।गौरा मईया की चुनरी माथे पे डाल के।गोपी बन जाओ भोले घुंघटा निकाल के।
बिच्छू बाला कान में डाला चंदा सा उजियाला। गले मुंड की माला जहरीला कंठ ये नाग है काला। इन सबको रख दो स्वामी कुटिया में डाल के।गोपी बन जाओ भोले घुंघटा निकाल के।
सब कुछ छिप जाएगा छिपाये छिपे न गंगा का पानी। ये मर्दानी आवाज पिया ये कैसे करो जनानी। पकडे ना जाना कहीं मर्दानी चाल पे।गोपी बन जाओ भोले घुंघटा निकाल के।
देख कन्हैया ने चुटकी बजाई मुस्काये हैं कन्हाई। सब तो आई बिन घूंघट के, घूंघट में कौन आई।
मोहन ने घुंघटा दिया झट से उठाए के।गोपी बन जाओ भोले घुंघटा निकाल के।