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विविध भजन

Bhajan ki nahi bichari manwa,भजन की नहीं विचारी मनवा

भजन की नहीं विचारी रे महरा मनवा नहीं विचारी रे

भजन की नहीं विचारी रे महरा मनवा नहीं विचारी रे,थारी म्हारी करते बीती उमर सारी रे।भजन की नहीं विचारी रे महरा मनवा नहीं विचारी रे



नो दस मास गरभ मे राख्यों माता थारी रे,
जल्दी बाहर निकालो प्रभु जी, फेरु माला थारी रे,भजन की नहीं विचारी रे।भजन की नहीं विचारी रे महरा मनवा नहीं विचारी रे।



बालपना मे लाड़ लड़ायो माता थारी रे,
आई जवानी प्यारी लागे, घर की नारी रे,
भजन की नहीं विचारी रे,भजन की नहीं विचारी रे महरा मनवा नहीं विचारी रे।



आयो बूढ़ापो हासी हासे घर की नारी रे,
अबे यो बूढ़ो कदे मरेगों, छूटे जान हमारी रे,
भजन की नहीं विचारी रे,भजन की नहीं विचारी रे महरा मनवा नहीं विचारी रे।



अंत समय मे दस दरवाजा पड़ गई झाली रे,
कालूदास गुरु की शरणा, आवो सारि रे,
भजन की नहीं विचारी रे,भजन की नहीं विचारी रे महरा मनवा नहीं विचारी रे

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