यहाँ हर कोई है दीवाना
मेरे बांके बिहारी का
मेरे बांके बिहारी का,
मेरे कुञ्ज बिहारी का
मैं भी हो गया मस्ताना
मेरे बांके बिहारी का।
पाग बांधे यह जरतारी
बांके की अँखियाँ कजरारी
वो मीठा मीठा मुस्काना
मेरे मोहनी बिहारी का
जहां हर कोई है दीवाना,मेरे बांके बिहारी का।
यहां बहे प्रेम की धारा
वृन्दावन भक्ति का द्वारा
लूट रहा प्रेम खजाना
राधा नित्त बिहारी का
जहां हर कोई है दीवाना,मेरे बांके बिहारी का।
कभी दर्शन वो दिखलावे
कभी परदे में छिप जावे
हाय कैसा यह शर्माना
राधा रसिक बिहारी का
जहां हर कोई है दीवाना,मेरे बांके बिहारी का।
देख पागल हुआ तुमको
यह कहना है हमे सबको
यह ‘चित्र विचित्र’ की जोड़ी है
नजराना रसिक बिहारी का
जहां हर कोई है दीवाना,मेरे बांके बिहारी का।