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Sakhi rang mahla me mare sudama moj,सखी ये रंग महलां में महलां में यो मारे सुदामा मौज

सखी ये रंग महलां में,महलां में यो मारे सुदामा मौज।

सखी ये रंग महलां में,महलां में यो मारे सुदामा मौज

तौसक तकिए दरी गलीचे, सोवे सुदामा अखियां मीचे। यो रुई की सी पहला में पहला में यो मारे सुदामा मौज।सखी ये रंग महलां में,महलां में यो मारे सुदामा मौज।

किरसन के सा चले उगम यो।असली ब्राह्मण बीच उगम यो।मारे किसी टहला में,टहला में,यो मारे सुदामा मौज।सखी ये रंग महलां में,महलां में यो मारे सुदामा मौज।

काशी ये मथुरा वृंदावन में। सुपना ये ले रहया मन ही मन में।करे था सैला में सैला में ,यो मारे सुदामा मौज।सखी ये रंग महलां में,महलां में यो मारे सुदामा मौज।

कीरसनलाल तेरे सतसंग में। नाचे भगत राम के रंग में। यो सत्संग सैला में सैला में,यो मारे सुदामा मौज।सखी ये रंग महलां में,महलां में यो मारे सुदामा मौज।

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