तर्ज, मैं हूं छोरी मालन की
मैं हूं बालम पढ़ी-लिखी तेरे घर को स्वर्ग बना दूंगी।घर को स्वर्ग बना दूंगी तेरे घर को स्वर्ग बना दूंगी।मैं हूं बालम पढ़ी-लिखी तेरे घर को स्वर्ग बना दूंगी।
ससुरा मेरे पापा जैसे सास को मम्मी बना लूंगी। सास ससुर की सेवा करके दिल में जगह बना लूंगी। मैं हूं बालम पढ़ी-लिखी तेरे घर को स्वर्ग बना दूंगी।
जेठा मेरे भैया जैसे जिठनी को भाभी बना लूंगी। आधा काम करूंगी घर का उनका हाथ बटा दूंगी।मैं हूं बालम पढ़ी-लिखी तेरे घर को स्वर्ग बना दूंगी।
देवर मेरे भैया जैसे ननदी को बहन बना लूंगी। अपनी मीठी बातों से मैं उनको फ्रेंड बना लूंगी। मैं हूं बालम पढ़ी-लिखी तेरे घर को स्वर्ग बना दूंगी।