राती जगा को आयो रे बुलावो, राती जगा में कौन जावे री बहू, म्हारे बरत बड़ो एकादशी को।
राती जगा में थें ही जाओ म्हारी सासू, मैं तो मंदिर जावां जी।। म्हारे बरत बड़ो एकादशी को।
राती जगा में मीठी लापसी थें ही खाओ सासू, मैं तो म्हाको जनम सुधारांजी। म्हारे बरत बड़ो एकादशी को।
इन्द्रासन स आई रे पालकी, सासूजी के अंगना में उतरी जी। म्हारे बरत बड़ो एकादशी को।
सासू-ननदां टक-2 देखे, देरानी-जेठानी टक-2 देखे,
पास-पड़ोसन टक-2 झांके, बहू बैकुंठ चाली ओ राम। म्हारे बरत बड़ो एकादशी को।
थे कई देखो म्हारी सासू-ननदां, थें कई देखो म्हारी देरानी-जेठानी।
थें कई झांकों म्हारी पास-पड़ोसन, करनी पार उतरनी ओ राम।। म्हारे बरत बड़ो एकादशी को।