जिद ये तेरे मेरे आगे बिल्कुल ना चल पाएगी। आना होगा कान्हा जब जब राधा तने बुलाएगी।
करता है तो मेरे संग में ऐसे आंख मिचौली। बनता है चालाख बड़ा और समझे मुझको भोली। यह सारी चालाकी तेरी यही धरी रह जाएगी।आना होगा कान्हा जब जब राधा तने बुलाएगी।
कब से कान्हा राह में तेरी पलके बिछाए बैठी हूं। बात बनाना आता है ना मैं तो सच सच कहती हूं। तेरी झूठ बोलने की आदत छूट न पाएगी।जिद ये तेरे मेरे आगे बिल्कुल ना चल पाएगी।
नजरों से तुम छुपते हो पर मनमें तेरी मूरत है। तुम्हें देख लेती हूं जब जब पढ़ती मुझे जरूरत है।पलके बंद करूंगी सूरत नजर तुम्हारी आएगी।आना होगा कान्हा जब जब राधा तने बुलाएगी।
कब से कान्हा राह में तेरी पलके बिछाए बैठी हूं। बात बनाना आता है ना मैं तो सच सच कहती हूं। तेरी झूठ बोलने की आदत छूट न पाएगी।जिद ये तेरे मेरे आगे बिल्कुल ना चल पाएगी।