सत्कर्म करने को दो हाथ दी, बड़ी है कृपा मेरे प्रभुनाथ की, बड़ी हैं कृपा मेरे प्रभुनाथ की ।
हीरा सा जीवन प्रभु ने दिया, उसको गँवा के तू बर्बाद की, सत्कर्म करने को दो हाथ दी, बड़ी हैं कृपा मेरे प्रभुनाथ की।
कहने को है सौ बरस, लेकिन भरोसा ना इक सांस की, सत्कर्म करने को दो हाथ दी, बड़ी हैं कृपा मेरे प्रभुनाथ की।
तबसे कृपा वो दिखाते रहे, जबसे वो श्रष्टि की शुरुआत की, सत्कर्म करने को दो हाथ दी, बड़ी हैं कृपा मेरे प्रभुनाथ की।
उनके नज़र में ना छोटा बड़ा, सबपे कृपा की वो बरसात की, सत्कर्म करने को दो हाथ दी, बड़ी हैं कृपा मेरे प्रभुनाथ की ।
सत्कर्म करने को दो हाथ दी, बड़ी है कृपा मेरे प्रभुनाथ की, मेरे प्रभुनाथ की।