क्या करूं ससुराल जा के दिल मेरा लगता नहीं,
एक तो गर्मी का मौसम दूसरे A. C. नहीं रात दिन टपके पसीना दिल मेरा लगता नहीं।क्या करूं ससुराल जा के दिल मेरा लगता नहीं,
एक तो सर्दी का मौसम दूसरे गद्दा नहीं। तीसरे फट गई रजाई दिल मेरा लगता नहीं ।क्या करूं ससुराल जा के दिल मेरा लगता नहीं,
एक तो वर्षा का मौसम दूसरे कमरा नहीं तीसरे उड़ गई झोपड़िया दिल मेरा लगता नहीं क्या करूं ससुराल जा के दिल मेरा लगता नहीं,
एक तो बूढ़ी सी सासुल दूजे पिया परदेश है तीसरे लड़नी ननदिया दिल मेरा लगता नहीं। क्या करूं ससुराल दिल मेरा लगता नहीं।