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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Sangat karo ni Nirmal sant ri mhari heli,संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली,nirgun Bhajan

संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली,



संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली,
संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली,
आवागमन मिट जाय रे , जनम मरण छुट जाय।



चन्दन उग्यो रे हरिये बाग़ में म्हारी हेली
चन्दन उग्यो रहरिये बाग़ में म्हारी हेली
ख़ुशी भयी बनराय रे , ख़ुशी भयी बनराय
आप सुगंध ओरा ने करे म्हारी हेली
आप सुगंध ओरा ने करे म्हारी हेली
रही रे सुगंधी छाव रे , रही रे सुगंधी छाव ।

बांस उग्यो रे डर रे गरे म्हारी हेली , बांस उग्यो रे डर रे गरे म्हारी हेली थरक रही बनराय। थरक रही बनराय । आप बजे ओरो ने बालसी म्हारी हेली। आप वळे ओरो ने बाळसी म्हारी हेली कपट गाँठ घट माय रे, कपट गाँठ घट माय ।



लौ लागी डावा डुंग रे म्हारी हेली, लौ लागी डावा डुंग रे म्हारी हेली मिल गयी झाळो झाळ रे, मिल गयी झाळो झाळ । और तो पखेरू सब उड़ गया म्हारी हेली और तो पखेरू सब उड़ गया म्हारी हेली हंसलो बेठो डाळ रे, हंसलो बेठो डाळ।

चन्दन हंस सु बोलियों म्हारी हेली थे क्यों जळो हंसराज रे, थे क्यों जळो हंसराज।
चन्दन हंस सु मुख बोलियों म्हारी हेली | में तो जळा बिन पांखिया म्हारी हेली में तो जळा बिन पांखिया म्हारा हंसा जड़ा हे पताळा माय रे, जड़ा हे पताळा रे माय।



फळ खाया पंत पिरोलिया म्हारी हेली फळ खाया पान पिरोलिया म्हारा चन्दन रमिया डाळी डाळ रे, खेल्या डाळो डाळ। हे थे तो जळो में क्यों उबरा म्हारा चन्दन थे तो जळो में क्यों उबरा म्हारी हेली जिवडो हे कीतरा साल रे, जिणो हे कितरा साल ।

चन्दन हंस रो प्रेम देखने म्हारी हेल चन्दन हंस रो प्रेम देखने म्हारी हेली धूधा बरस्यो मेह रे, धूधा बरस्यो मेह । कहे कबीर सा धरमी दास ने म्हारी हेली कहे कबीर सा धरमी दास ने म्हारी हेली नित नित नवळा वेश रे, नित नित नवळा वेश ।



संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली संगत करो नी निर्मल संत री म्हारी हेली
आवागमन मिट जाय रे, जनम मरण छूट जाय ।

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