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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Kahe roye tera yaha koi nahi,काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं

काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं

दो दिन खेर मना आपणी , दो दिन सजाले मेला।
रो मत दो दिन हरी ने भज , जनम मरण सुधरेल।



काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं
काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं
किसको सुनाये , किसको सुनाये,
किसको सुनाये , यहा कोई नहीं
काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं
काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं।



लाख जतन कर जग रिश्तो के ,
तेरा हे तुझे कोई ना रोके,
तेरा हे तुझे कोई ना रोके
एक पेड़ के पत्ते लाखो
ले गयी लूट के पवन के झोंके
ले गयी लूट के पवन के झोंके
मेरा मेरा मत कर बन्दे
मेरा मेरा मत कर बन्दे
हरी करे सो होये वही
काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं
काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं
किसको सुनाये , किसको सुनाये,
किसको सुनाये , यहा कोई नहीं
काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं
काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं।



तू ही तेरा हे परमेश्वर
तुझसे बड़ा कोई ईश नहीं हे
तुझसे बड़ा कोई ईश नहीं हे
खोज ले अपने मन के भीतर
तुझसे परे जगदीश नहीं हे
तुझसे परे जगदीश नहीं हे
जो मन अंदर हरी को पावे
जो मन अंदर हरी को पावे
जनम जनम तक खोवे नहीं
काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं
काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं
किसको सुनाये , किसको सुनाये,
किसको सुनाये , यहा कोई नहीं
काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं
काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं ।

तुलसी मन में शबरी वन में , जागे तब रघुनाथ मिले। जागे तब रघुनाथ मिले । वो बैरागन मीरा जागी घट घट में प्रभु साथ मिले । घट घट में प्रभु साथ मिले । अब के छोटू जाग जायेसी , अब के रावणा जाग जायेसी , हरी मिलन तक सोये नहीं। काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं , काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं ।

किसको सुनाये, किसको सुनाये, किसको सुनाये, यहा कोई नहीं । काहे रोये यहां तेरी कोई नहीं , काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं



काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं , काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं । काहे रोये यहां तेरो कोई नहीं ।

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