तर्ज,या बाबा सा री लाडली
दे दो बुलाओ भक्ता ने आयो फागुन आ गयो रे। खाटू वाले श्याम को मेलो सबने भा गयो रे।
ऐसो मेलो कटे ना लागे मेलो रंग रंगीलो। मेलो रंग रंगीलो। अजी सांवरियो भी सज धज बैठो लागे बहुत सजीलो, लागे बहुत सजीलो। श्याम दीवानों मगन हो जावे, मेरो मन हर्षा गयो रे।खाटू वाले श्याम को मेलो सबने भा गयो रे।
दे दो बुलाओ भक्ता ने आयो फागुन आ गयो रे। खाटू वाले श्याम को मेलो सबने भा गयो रे।
जय श्री श्याम लिखा कर ध्वजा यह सुंदर प्यारी बनाई ,सुंदर प्यारी बनाई। अजी श्याम नाम को पहर दुपट्टा सिर पर पगड़ी लगाई ,सिर पर पगड़ी लगाई। चारों तरफ गूंजे जयकारे मने रंग यो छा गयो रे।खाटू वाले श्याम को मेलो सबने भा गयो रे।
दे दो बुलाओ भक्ता ने आयो फागुन आ गयो रे। खाटू वाले श्याम को मेलो सबने भा गयो रे।
श्याम धनी को परचम लहरें चारों कोना माही, चारों को ना माही। फागण मेला में सब आवे श्याम का दर्शन चाहि, श्याम का दर्शन चाहि। भक्तों सभी थारी भरे हाजिरी सुरभि जस गायो रे। खाटू वाले श्याम को मेलो सबने भा गयो रे।
दे दो बुलाओ भक्ता ने आयो फागुन आ गयो रे। खाटू वाले श्याम को मेलो सबने भा गयो रे।