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सुदामा भजन लिरिक्स

Teen roj ke balak bhukhe darab mang ke layiye ho,हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो,sudama bhajan

हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।

हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।दरब मांग के लाइये हो।दरब मांग के लाइये हो।हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।



कृष्ण के तो यार घने सै किस किस नै धन बाटैगा।
तेरा तो बचपन का यार सै तैनै के वो नाटैगा तैनै
के वो नाटैगा।हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।



इतनी कै सुन के चला सुदामा ठा लई हाथ लठोली।
रै सहज सहज पग धरै सुदामा गया कृष्ण की पोली।रै गया कृष्ण की पोली रै।हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।



कृष्ण जी नै दिखा सुदामा भाग के भर लई कोली रै।
खूब मिले रै भाई खूब मिले इब छोड नाड़ की झोली रैछोड नाड़ की झोली रै।हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।



ताते पानी की भरी बाल्टी यार सुदामा नहाले रै।
तपी रसोई ठंडी हो सै यार सुदामा खाले रै,
यार सुदामा खाले रै।हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।



जीम झूठ के बैठा सुदामा के बांधा रै मेरी भाभी नै।
दो मुठ्ठी चावल की बांधी यो बांधा तेरी भाभी नै।
यो बांधा तेरी भाभी नै।हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।



खोल पोटली देखन लागा भर भर बुकटे फाकै सै
ऊपर तै वा रुकमण बोली सारा ऐ धन नै बाटैगा।सारा ऐ धन नै बाटैगा।हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।



कोए टोटे मै कोए मोटे मै बिरला हे दिल डाटैगा,
भीड़ पड़ी मै आया सुदाम तु रानी रै क्यु नाटै सै।
तु रानी रै क्यु नाटै सै।हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।



इतनी कै सुनके चला सुदामा ठा लई हाथ लठोली।
रै सहज सहज पग धरै सुदामा हुआ नगर की राही रै,हुआ नगर की राही रै।हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।



बैठ सुदामा रोवन लागा झुपड़ी भी ना पाई रै,
कड़ै गए मेरे बालक बच्चे कड़ै गई मिसरानी रै
कड़ै गई मिसरानी रै।हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।



ऊपर तै वा बिरमा बोली या रही तेरी रानी रै
खेल रहे तेरे बालक बच्चे या बैठी मिसरानी रै
या बैठी मिसरानी रै।हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।



तेरे पाछे तै कृष्ण आया कर गया मौज भतेरी रै
झोपड़ी तो उसने तोड़ बगाई चिन गया महल अटारी रै
चिन गया महल अटारी रै।हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।



कोठी र कुठले भरे नाज के ठाडी भरी बुखारी रै
रुंढी तो तेरै भैस बांदगा दो बैलैदा की जोड़ी रै
दो बैलैदा की जोड़ी रै।हो तीन रोज के बालक भूखे दरब मांग के लाइये हो।

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