तर्ज, मेरा नाम है चमेली
सुन ले बाबा लखदातारी, मेरी काट दे लाचारी, तू भी कर ले थोड़ी यारी इस जाट से। मारी गाड़ी ने चलवा दे, माल करोड़ों में बिकवा दे, मैं भी जी लूं बाबा इब ते थोड़ी ठाठ से।तू भी कर ले थोड़ी यारी इस जाट से।
लाचारी ने लाद लादकर बुड्ढा हो गया। कदी ना सुख की सांस मिली ना झोंका हवा का आया।म्हारे लिए भी सोच जरा। मैं भी मोटा सेठ कहांऊं माने दुनिया सारी।
सुन ले बाबा लखदातारी, मेरी काट दे लाचारी, तू भी कर ले थोड़ी यारी इस जाट से। मारी गाड़ी ने चलवा दे, माल करोड़ों में बिकवा दे, मैं भी जी लूं बाबा इब ते थोड़ी ठाठ से।तू भी कर ले थोड़ी यारी इस जाट से।
आगे के बतलाऊं बाबा तू तो सारी जाने। रूपीया बिना ना कोई जगत में अपनी जात पीछाने। धन दौलत बिन कुछ भी नही, मेरी भी कोठी बनवा दे लंबी सी हो गाड़ी।
सुन ले बाबा लखदातारी, मेरी काट दे लाचारी, तू भी कर ले थोड़ी यारी इस जाट से। मारी गाड़ी ने चलवा दे, माल करोड़ों में बिकवा दे, मैं भी जी लूं बाबा इब ते थोड़ी ठाठ से।तू भी कर ले थोड़ी यारी इस जाट से।
मेरा भी जी करता बैठे चौबारे रोब जमाऊं। नौकर चाकर धोरे रखूं हुक्के ने सुलगाऊं। देसी घी के माल मिले।पंकज गेल्यां खाटू आऊं में सेवा में थारी।
सुन ले बाबा लखदातारी, मेरी काट दे लाचारी, तू भी कर ले थोड़ी यारी इस जाट से। मारी गाड़ी ने चलवा दे, माल करोड़ों में बिकवा दे, मैं भी जी लूं बाबा इब ते थोड़ी ठाठ से।तू भी कर ले थोड़ी यारी इस जाट से।