तेरे हाथ मेरी डोर, मैं पतंग मेरी माँ
तेरे हाथ मेरी डोर, मैं पतंग मेरी माँ
जुड़ी रहना हमेशा, मेरे संग मेरी माँ,,,
तेरे हाथ मेरी डोर,,,,
आना माँ आना मेरे, घर भी नवरातों में
मेहँदी लगाऊंगी मैं, फूलों जैसे हाथों में
होगा लाल गहरा, मेहँदी वाला रंग मेरी माँ
तेरे हाथ मेरी डोर मैं पतंग मेरी माँ
जुड़ी रहना हमेशा, मेरे संग मेरी माँ,,,
रोज़ तेरा करुँगी, श्रृंगार दाती प्यार से
फूलों के पिरोऊंगी मैं, हार दाती प्यार से
सेज़ फूलों की, फूलों का पलंग मेरी माँ
तेरे हाथ मेरी डोर मैं पतंग मेरी माँ
जुड़ी रहना हमेशा, मेरे संग मेरी माँ,,,
साथ माता रानी, मेरे नौ दिन बिता के
भोग कंजको के संग, जाना लगा के
यही अरदास, यही है उमंग मेरी माँ
तेरे हाथ मेरी डोर, मैं पतंग मेरी माँ
जुड़ी रहना हमेशा, मेरे संग मेरी माँ,,,
तेरे हाथ मेरी डोर, मैं पतंग मेरी माँ
तेरे हाथ मेरी डोर, मैं पतंग मेरी माँ
जुड़ी रहना हमेशा, मेरे संग मेरी माँ,,,
तेरे हाथ मेरी डोर,,,,