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श्याम भजन लिरिक्स

Ujdi bagiya mahka do man ki chidiya chahka do,उजड़ी बगिया महका दो मन की चिड़िया चहका दो,shyam bhajan

उजड़ी बगिया महका दो मन की चिड़िया चहका दो


उजड़ी बगिया महका दो मन की चिड़िया चहका दो
चरणों में ज़रा जगह दो दिल से श्याम लगा दो
हारे के सहारे ओ हारी बाज़ी जिता दो
उजड़ी बगिया महका दो ……………



हुकुम बजाऊंगा दर ना छोड़ जाऊँगा
आठों याम चाकरी मैं श्याम नाम गाऊंगा
आया दरबार नया नौकर लिखा दो
हारे के सहारे ओ हारी बाज़ी जिता दो
उजड़ी बगिया महका दो ……………



महके दरबार तेरा खुशबू मैं बन जाऊं
क्या क्या जातां करूँ दास तेरा हो जाऊं
बागबा मेरी बगिया को अपना बना लो
हारे के सहारे ओ हारी बाज़ी जिता दो
उजड़ी बगिया महका दो ……………



नसीबा संवारा बिगड़ा लाखो को तार दिया
मोरछड़ी का झाड़ा भगतों पे वार दिया
आया सुरेश दर पे हाथ बढ़ा दो
हारे के सहारे ओ हारी बाज़ी जिता दो
उजड़ी बगिया महका दो ……………

उजड़ी बगिया महका दो मन की चिड़िया चहका दो
चरणों में ज़रा जगह दो दिल से श्याम लगा दो
हारे के सहारे ओ हारी बाज़ी जिता दो
उजड़ी बगिया महका दो ……………

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