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विविध भजन

Man radheshyam sitaram rat re,मन राधेश्याम सीताराम रट रे,तेरे संकट जाएंगे कट रे

मन राधेश्याम सीताराम रट रे,
तेरे संकट जाएंगे कट रे…..

मन राधेश्याम सीताराम रट रे,
तेरे संकट जाएंगे कट रे…..



हिरणाकुश जुल्म कराया प्रहलाद को बहुत सताया,
आय नरसिंह खंब गया फट रे,
तेरे संकट जाएंगे कट रे….



ग्राह गज को कर लिया बस में प्रभु टेर सुनी थी जल में,
हरि पल में हुए प्रकट रे,
तेरे संकट जाएंगे कट रे…..



अब जाएं ना कष्ट सहा रे द्रोपति ने वचन कहा रे,
दुशासन का बल गया घट रे,
तेरे संकट जाएंगे कट रे…..



अरे मानव कुसंगत तज रे और नित्य सत्संग में रज रे,
भजले श्री नागर नट रे,
तेरे संकट जाएंगे कट रे…..

मन राधेश्याम सीताराम रट रे,
तेरे संकट जाएंगे कट रे…..

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