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विविध भजन

Kamtanath aake le lo duniya ke fal,कामतानाथ आके ले लो, दुनियां के फल

कामतानाथ आके ले लो, दुनियां के फल ।।



ये पाप नसावन, पर्वत है पावन, श्री राम विराजे, लगता मनभावन, कैसे आयेंगे जीवन में, खुशियों के पल, कामतानाथ आके ले लो, दुनियां के फल ।।



स्टेशन से थोड़ी दूरी, न संसाधन की मजबूरी, पांच मील बस चित्रकूट है, दस मिनटों में करलो पूरी, पैसुनी नहाओ, मतगंजन जाओ, आज्ञा ले उनसे, कैसे आयेंगे जीवन में, खुशियों के पल, कामतानाथ आके ले लो, दुनियां के फल ।।



कामद को जाओ,मुख्य द्वार पे दर्शन करके, करें परिक्रमा पैदल चलके, भरत राम के चरण निहारो, वो पहचान है भरत मिलन के, मंदिर में आओ, सब शीश झुकाओ, प्रभु अन्तर्यामी, मन में बैठाओ. कैसे आयेंगे जीवन में, खुशियों के पल, कामतानाथ आके ले लो, दुनियां के फल ।



कांटों की हैं फैली बाहें, देख निकलती दिल से आहें, ताप सहे ग्यारह वर्षों तक, तब देखी आगे की राहें, शबरी घर आये, संतों को भाये, जो डर फैलाये, परलोक पठाये, कैसे आयेंगे जीवन में

कैसे आयेंगे जीवन में, खुशियों के पल, कामतानाथ आके ले लो, दुनियां के फल ।।



कांटों की हैं फैली बाहें, देख निकलती दिल से आहें, ताप सहे ग्यारह वर्षों तक, तब देखी आगे की राहें, शबरी घर आये, संतों को भाये, जो डर फैलाये, परलोक पठाये, कैसे आयेंगे जीवन में, खुशियों के पल, कामतानाथ आके ले लो, दुनियां के फल ।।

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