चली जा रही है ये जीवन की रेल २
समझ कर खिलौना इसे यूं ना खेल २
चली जा रही है ये जीवन की रेल ।
कुशल कारीगर ने है इसको बनाया
बड़ी अकलमन्दी से इसको चलाया २
पड़े इसके इन्जन में कर्मों का तेल
चली जा रही है ये जीवन की रेल।
किसी को चढ़ावे किसी को उतारे
घड़ी दो घड़ी के मुसाफिर हैं सारे २
यहीं पर जुदाई यहीं पर हो मेल
चली जा रही है ये जीवन की रेल ।
ज़रा सी खराबी अगर इसमें आवे
कदम एक भी ये सरकने पावे २
सदा के लिए एक पल में हो फेल
चली जा रही है ये जीवन की रेल।
न अपनी खुशी से यहां लोग आए
मगर सबने आकर यहां दिन बिताए २
कोई समझे मन्दिर कोई समझे जेल
चली जा रही है ये जीवन की रेल।
रहे कुछ सफ़र भर में रोते चिल्लाते
मगर कुछ महापुरुष हसते हसाते २
गए हर मुसीबत को हिम्मत से झेल
चली जा रही है ये जीवन की रेल।
पथिक रेलगाड़ी पे जो भी चढ़ा है
कहीं ना कहीं पर उतरना पड़ा है २
समय ने है डाली सभी को नकेल
चली जा रही है ये जीवन की रेल २
समझ कर खिलौना इसे यूं ना खेल २
चली जा रही है ये जीवन की रेल।
चली जा रही है ये जीवन की रेल २
समझ कर खिलौना इसे यूं ना खेल २
चली जा रही है ये जीवन की रेल ।