दुर्गे तुम्हारी जय हो, अम्बे तुम्हारी जय हो, नव रूप धारती माँ, महागौरी तेरी जय हो, दुर्गे तुम्हारी जय हों, अम्बे तुम्हारी जय हो ।।
ब्रम्हांड धारती हो, दुखियों को तारती हो, त्रिभुवन की स्वामिनी माँ, त्रिभुवन की स्वामिनी माँ, ब्रम्हाणी तेरी जय हो, दुर्गे तुम्हारी जय हों, अम्बे तुम्हारी जय हो ।
ज्वाला हो वैष्णवी हो, माँ तुम ही लक्ष्मी हो, शारदे तुम्ही हो बुद्धि, शारदे तुम्ही हो बुद्धि, शक्ति तुम्हारी जय हो, दुर्गे तुम्हारी जय हों, अम्बे तुम्हारी जय हो ।।
सावित्री गायत्री हो, माँ तुम ही भारती हो, अब तेरी आरती हो, माँ तेरी आरती हो, सब बोले तेरी जय हो, दुर्गे तुम्हारी जय हों, अम्बे तुम्हारी जय हो ।।
दुर्गे तुम्हारी जय हो, अम्बे तुम्हारी जय हो, नव रूप धारती माँ, महागौरी तेरी जय हो, दुर्गे तुम्हारी जय हों, अम्बे तुम्हारी जय हो ।।