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durga bhajan lyrics दुर्गा भजन लिरिक्स

Bata do he jagat janani mera udhhar kaise ho,बता दो हे जगत जननी, मेरा उद्धार कैसे हो,durga bhajan

बता दो हे जगत जननी, मेरा उद्धार कैसे हो,



तर्ज – सजा दो घर को गुलशन सा

बता दो हे जगत जननी, मेरा उद्धार कैसे हो, बह रहा हूँ अगमधारा, में बेडा पार कैसे हो।।



नहीं श्रद्धा नहीं भक्ति,
नहीं विद्या नहीं बुद्धि, नहीं विद्या नहीं बुद्धि,
तेरे दासों में हे माता, मेरा शुमार कैसे हो, बता दो हें जगत जननी, मेरा उद्धार कैसे हो।।

मैं जैसा हूँ तुम्हारा भरोसा आपका भारी, भरोसा आपका भारी, तो फिर किससे करूँ फरियाद, मंजिल पार कैसे हो, बता दो हें जगत जननी, मेरा उद्धार कैसे हो ।।

बहुत भटका हूँ विषयों में, कही भी शांति ना पाई, कही भी शांति ना पाई, फसा मद मोह माया में, मेरा निस्तार कैसे हो, बता दो हें जगत जननी, मेरा उद्धार कैसे हो ।।



चली अविवेक की आंधी, नहीं कुछ सूझ पड़ता है, नहीं कुछ सूझ पड़ता है, मेरे मानस के मंदिर में, तेरा दीदार कैसे हो, बता दो हें जगत जननी, मेरा उद्धार कैसे हो।।

सहारा दो महाशक्ति, मैं पंगु हूँ अति दीना, मैं पंगु हूँ अति दीना, बड़ी उलझन में उलझा हूँ, कहो उद्दार कैसे हो, बता दो हें जगत जननी, मेरा उद्धार कैसे हो ।।



यही विनती है सेवक की, जगत को प्रेममय देखूं, जगत को प्रेममय देखूं, करूँ बलिदान स्वारथ का, ये पर उपकार कैसे हो, बता दो हें जगत जननी, मेरा उद्धार कैसे हो।।



बता दो हे जगत जननी, मेरा उद्धार कैसे हो, बह रहा हूँ अगमधारा, में बेडा पार कैसे हो।।

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