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durga bhajan lyrics दुर्गा भजन लिरिक्स

Apne papo par pachta ke jab bhi tu ro dega,अपने पापों पर पछता के जब भी तू रो देगा,durga bhajan

अपने पापों पर पछता के जब भी तू रो देगा,

अपने पापों पर पछता के जब भी तू रो देगा,
तेरा इक इक आंसू क्यूँ ना पापों को धो देगा ।
फिर आंबे माँ के दर्शन होंगें आहों का इनाम,
क्यूँ नहीं रिझेगी मेरी माँ क्यों नहीं मानेगी मेरी माँ ।।

आंसू हैं वो दर्पण जिनमे रूप मैया का बस्ता,
ऐसे रोने से माँ मिल जाये तो जानो सस्ता ।
कितने दुर्लभ माँ के दर्शन कितने सस्ते दाम,
क्यूँ नहीं रिझेगी मेरी माँ क्यों नहीं मानेगी मेरी माँ ।।

रोने पे जग हस्ता पर रो देना आसान नहीं,
दीनबंधु माँ करुना सिन्धु कर देगी पहचान सही ।
भक्त वत्सला शरणागत को भज ले सुबह श्याम
क्यूँ नहीं रिझेगी मेरी माँ क्यों नहीं मानेगी मेरी माँ ।।

वो आंसू भी क्या आसूं जो जग के लिए बहाए,
माँ की याद में बहें जो आंसू वो आंसू कहलायें ।
तेरे ऐसे इक आंसू पे दौड़ी आएगी माँ,
क्यूँ नहीं रिझेगी मेरी माँ क्यों नहीं मानेगी मेरी माँ

अपने पापों पर पछता के जब भी तू रो देगा,
तेरा इक इक आंसू क्यूँ ना पापों को धो देगा ।
फिर आंबे माँ के दर्शन होंगें आहों का इनाम,
क्यूँ नहीं रिझेगी मेरी माँ क्यों नहीं मानेगी मेरी माँ ।।

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