अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमे ये जान ना होती ।
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा ।।
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा प्यार तेरा ।
अगर तु जो माँ ना होती,
तो मुझमे ये जान ना होती ।।
तेरे प्यार की छाव में रहकर,
मैंने खुद को सजाया माँ ।
मेरे लबों को तूने हँसी दी,
मैंने तुझे रुलाया ।।
जो पाया प्यार तेरा,
है ये उपकार तेरा ।
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा ।।
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा प्यार तेरा ।
अगर तु जो माँ ना होती,
तो मुझमे ये जान ना होती ।।
ढूंढ रहा हूँ उस उंगली को,
जिसने चलना सिखाया माँ ।
तेरी गोद के हर पहलू में,
जन्नत का सुख पाया ।।
बरसो नही सोई,
मेरे लिए तू माँ रोई ।
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा ।।
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा, प्यार तेरा ।
अगर तु जो माँ ना होती,
तो मुझमे ये जान ना होती ।।
बचपन में जब मैं डरता था,
बाहों में भर लेती माँ ।
मैं मुस्काता था जब मुझ पर,
तू आंचल कर लेती ।।
ऐसा कोई है कहाँ,
जैसी मेरी है ये माँ ।
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा ।।
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा प्यार तेरा ।
अगर तु जो माँ ना होती,
तो मुझमे ये जान ना होती ।।
दुनिया में होता ना कही कोई,
ये दुनिया ना बनती माँ
मर करके सौ बार बेधड़क,
लाल नही जो जनती ।।
दर्द हज़ार सहा,
फिर भी ना माँ कुछ भी कहा ।
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा ।।
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा प्यार तेरा ।
अगर तु जो माँ ना होती,
तो मुझमे ये जान ना होती ।।
अगर तू जो माँ ना होती,
तो मुझमे ये जान ना होती ।
ना होता संसार मेरा,
ना होता परिवार मेरा ।।
ना मिलता जो प्यार तेरा,
प्यार तेरा प्यार तेरा ।
अगर तु जो माँ ना होती,
तो मुझमे ये जान ना होती ।।