तर्ज- हम भूल गए रे हर बात
मेरा हाथ पकड़ लो माँ, जगत में भीड़ तो भारी है, कहीं खो ना जाऊं मैं, माँ तेरी जिम्मेदारी है। मेरा हाथ पकड़ लो माँ, जगत में भीड़ तो भारी है।
दुनिया तो बदलती आई है, दुनिया का क्या विश्वास करूँ, माँ तू ना कभी बदल जाना, विनती मैं तुमसे एक करूँ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺 हर पल देना मेरा साथ, माँ तुमसे अरज़ हमारी है, कहीं खो ना जाऊं मैं, माँ तेरी जिम्मेदारी है, मेरा हाथ पकड़ लो माँ, जगत में भीड़ तो भारी है।
हारे तो माँ अपनाती हो, मैं भी तो हार के आया हूँ, खाली झोली के साथ में माँ, अश्कों को चढाने लाया हूँ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 माँ रख लेना मेरी लाज, के अब ये लाज तुम्हारी है, कहीं खो ना जाऊं मैं, माँ तेरी जिम्मेदारी है, मेरा हाथ पकड़ लो माँ, जगत में भीड़ तो भारी है।।
नाता जो तुमसे जोड़ा है, माँ उसकी डोर ना टूटेगी, थामे रखना माँ तुम मुझको, जब अंतिम साँसें छूटेंगी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 माँ मान ‘हरि’ की बात, के तुम पे जान ये वारि है, कहीं खो ना जाऊं मैं, माँ तेरी जिम्मेदारी है, मेरा हाथ पकड़ लो माँ, जगत में भीड़ तो भारी है।
मेरा हाथ पकड़ लो माँ, जगत में भीड़ तो भारी है, कहीं खो ना जाऊं मैं, माँ तेरी जिम्मेदारी है, मेरा हाथ पकड़ लो माँ, जगत में भीड़ तो भारी है।