तर्ज,झालर शंख नगाड़ा बाजे
ताली जोर जोर से बाजे रे, लीलो घोड़ो श्याम धणी को, छम छम नाचे रे।।
यो घोड़ो बाबा को घोडो, बाबो करे सवारी। बाबा की सेवा में यों तो. सारी उमर गुजारी। यो तो पवन बेग से भाग रे। लीलो घोड़ो श्याम धणी को, छम छम नाचे रे।।
ताली जोर जोर से बाजे रे, लीलो घोड़ो श्याम धणी को, छम छम नाचे रे।।
जो कोई श्याम धणी को कीर्तन, अपने घर में करावे। श्याम धणी क सागै सागै, लीलों घोड़ो जावे। यो तो चरणां मांही बिराजे रे, लीलो घोड़ो श्याम धणी को, छम छम नाचे रे।
ताली जोर जोर से बाजे रे, लीलो घोड़ो श्याम धणी को, छम छम नाचे रे।।
श्याम धणी को कीर्तन सुणकर, इको मन हर्षावे, बनवारी जो भजन सुणावे, उन पर खुश हो जावे, तू तो प्रेम स भजन सुणाज्ये रे, लीलो घोड़ो श्याम धणी को, छम छम नाचे रे।
ताली जोर जोर से बाजे रे, लीलो घोड़ो श्याम धणी को, छम छम नाचे रे।।