आज किसने है तुझको सवारा कान्हा,
चाँद धरती पे किसने उतरा कान्हा,
तेरा सवाल सा मुखड़ा ये बांकी अदा,
तेरी चितवन पे कान्हा हुए हम फ़िदा,
हमने रह रह के तुझको निहारा कान्हा,
चाँद धरती पे किसने उतरा कान्हा,
आज किसने है तुझको सवारा कान्हा,
चाँद धरती पे किसने उतरा कान्हा,
रूप राशि का गहरा समन्दर है तू,
किस जुबा से कहे कितना सूंदर है तू,
चैन दिल से चुराया हमारा कान्हा,
चाँद धरती पे किसने उतरा कान्हा,
आज किसने है तुझको सवारा कान्हा,
चाँद धरती पे किसने उतरा कान्हा,
तेरे भगतो पे कैसे ये माध होशिया,
होश खो बैठे शाई है मदहोशियाँ,
हर्ष वश में जेया न हमारा कान्हा,
चाँद धरती पे किसने उतरा कान्हा,
आज किसने है तुझको सवारा कान्हा,
चाँद धरती पे किसने उतरा कान्हा,