ले लो शरण कन्हैया, दुनिया से हम हैं हारे
नहीं ठोर ना ठिकाना, फिरते हैं मारे मारे
ले लो शरण कन्हैया……..
गुजरी है जिंदगानी, अश्कों को पीते-पीते…2
बीती जो मुझ पर बाबा,किसी और पर न बीते…2
छोटी सी जिंदगी है, और गम है ढेर सारे
ले लो शरण कन्हैया……..
ले लो शरण कन्हैया, दुनिया से हम हैं हारे
नहीं ठोर ना ठिकाना, फिरते हैं मारे मारे
ले लो शरण कन्हैया……..
अब तक निभाई मैंने, जिनसे भी रिश्तेदारी…2
निकले वही कन्हैया, सुख चैन के शिकारी
किस पर करें भरोसा, देते हैं सब दगा रे
ले लो शरण कन्हैया……..
ले लो शरण कन्हैया, दुनिया से हम हैं हारे
नहीं ठोर ना ठिकाना, फिरते हैं मारे मारे
ले लो शरण कन्हैया……..
माधव सुनाई कर दो, मुझे आस एक तुम ही से…2
वाकिफ हो तुम कन्हैया, जीवन की हर कमी से
देते हैं जख्म सारे, मिलती नहीं दवा रे
ले लो शरण कन्हैया, दुनिया से हम हैं हारे…2
नहीं ठोर ना ठिकाना, फिरते हैं मारे मारे
ले लो शरण कन्हैया……..
ले लो शरण कन्हैया, दुनिया से हम हैं हारे
नहीं ठोर ना ठिकाना, फिरते हैं मारे मारे
ले लो शरण कन्हैया……..