तर्ज,धमाल
थारी गाड़ली को हाँकणियो है बाबो लखदातार थारी गाड़ली को।
मन मं तू विशवास जगा क, श्याम क दरपे आजा रे। मोटा मोटा सेठ द्वार प, खड़ा लगाके कतार,थारी गाड़ली को…..
थारी गाड़ली को हाँकणियो है बाबो लखदातार थारी गाड़ली को।
चालानां को झंझट कौंन्या, नहीं पुलिस को चक्कर रे।सिधो सट मंजिल ले जावे, ओ सबकी सरकार,थारी गाड़ली को…..
थारी गाड़ली को हाँकणियो है बाबो लखदातार थारी गाड़ली को।
सोंप क चाबी श्यामधणी नं, खूंटी ताण क सोले रे।हिवड़ा मं तेरे श्याम बसाले, भरें तेरो भण्डार थारी गाड़ली को।
थारी गाड़ली को हाँकणियो है बाबो लखदातार थारी गाड़ली को।
भगतां की भर्ती चालू स, अं की टेर लगा ले रे। ‘मोनू” सांची बात बतावे, दुखड़ा मेंटण हार थारी गाड़ली को…..
थारी गाड़ली को हाँकणियो है बाबो लखदातार थारी गाड़ली को।