थोड़ी सी और पिला दे
पीते पीते मैं पागल हुआ।
बूटी हरी के नाम की
सबको पीला के पी
पीने की है तमन्ना तो
खुद को भुला के पी।
ब्रह्मा ने चारो वेद
की पुस्तक बना के पी,
शंकर ने अपने शीश पे
गंगा धरा के पी।
बूटी हरी के नाम की
सबको पीला के पी
पीने की है तमन्ना तो
खुद को भुला के पी।
बाली ने चोट बाण की
सीने पे खाके पी,
बजरंग बलि ने रावण की
लंका जला के पी।
बूटी हरी के नाम की
सबको पीला के पी
पीने की है तमन्ना तो
खुद को भुला के पी।
ब्रज गोपियों ने कृष्णा को
माखन खिला के पी,
मीरा ने नाच नाच के
गिरधर रिझाके पी।
बूटी हरी के नाम की
सबको पीला के पी
पीने की है तमन्ना तो
खुद को भुला के पी।
थोड़ी सी और पिला दे
पीते पीते मैं पागल हुआ
थोड़ी सी और पिला दे
पीते पीते मैं पागल हुआ