जो प्रेम गली में आए नहीं
वह प्रीतम का ठिकाना क्या जाने।
जिसने प्रेम कभी किया ही नहीं।
वह प्रेम निभाना क्या जाने।
जो वेद पढ़े और भेद करें
मन में नहीं निर्मल आता आए।
कोई जितना चाहे ज्ञान कहे।
भगवान को पाना क्या जाने।
जो प्रेम गली में आए नहीं
वह प्रीतम का ठिकाना क्या जाने।
यह दुनिया गोरख धंधा है।
सब जग माया में अंधा है..2
जिस अंधे ने इनको देखा नहीं।
बोरूप बताना क्या जाने।
जो प्रेम गली में आए नहीं
वह प्रीतम का ठिकाना क्या जाने।
जो प्रेम गली में आए नहीं
वह प्रीतम का ठिकाना क्या जाने।
जिस दिल में पैदा ना दर्द हुआ।
वह जाने पीर पराई क्या,
मीरा है दीवानी मोहन की।
संसार दीवाना क्या जाने।
जो प्रेम गली में आए नहीं
वह प्रीतम का ठिकाना क्या जाने।
जो प्रेम गली में आए नहीं
वह प्रीतम का ठिकाना क्या जाने।