म्हारों सावरियों बनवारी, बण पचरंग पैचाधारी,
भगतां रै कारण, अजमल घर अवतार लियो,
कसूमल केसरीया, बाग़ां रो सिणगार कियो,
मरुधर में जोत जगाय गयो, बाबो धोळी ध्वजा फ़रकाय गयो,
राजा अजमल पुन्य कमायो, थानें पुत्र रूप में पायो,
मैणादे लाड लडायो, मायड़ बण दूध पिलायो,
भादरवा री दूज ने आई गयो, चाँदणीयां सूं चमकाय गयो,मरुधर में जोत जगाय गयो, बाबो धोळी ध्वजा फ़रकाय गयो,
बाई सुगना आरती गावै, भाटी हरजी चँवर ढुलावे,
श्री लक्ष्मी रूप नैतलदे, संग में ब्याव कियो,
कसूमल केसरीया, बाग़ां रो सिणगार कियो
मरुधर में जोत जगाय गयो, बाबो धोळी ध्वजा फ़रकाय गयो,
बाबो हिंदुवा पीर कहायो, रूणिचो नगर बसायो,
कोई उँचो नाहीं नीचो, सब भेदभाव ने मिटायों,
धोती धरिया में आय गयो, तंदूरा रा तान बजाय गयो,
बाबो कड़ा तिलंगी धारी, ज्यारे लीले की सवारी,
कलयुग में बाबो, पगल्या ने पुजवाय गयो,
कसूमल केसरीया, बाग़ां रो सिणगार कियो
मरुधर में जोत जगाय गयो, बाबो धोळी ध्वजा फ़रकाय गयो,
बिछयोडा मीत मिलावे, बाबो मन री आस पुरावे,
भक्ता री लाज बचावै, जो ध्यावे परचा पावे,
हरजी भाटी गुण गाय गयो, बाबो निकलत नेजा धारी,
जारी कीरत जग में भारी, शरणा आयोड़ा भक्ता,
रो उद्धार कियो, कसूमल केसरीया,
बाग़ां रो सिणगार कियो मरुधर में जोत जगाय गयो,
बाबो धोळी ध्वजा फ़रकाय गयो, म्हारों सावरियों बनवारी,
बण पचरंग पैचाधारी, भगतां रै कारण,
अजमल घर अवतार लियो, कसूमल केसरीया,
बाग़ां रो सिणगार कियो मरुधर में जोत जगाय गयो,
बाबो धोळी ध्वजा फ़रकाय गयो,