तर्ज,तेरे जैसा यार कहां
कभी मत घबराना,
दीवानो का दीवाना,
इसके होते हार कहाँ,
कभीं मत घबराना,
कभीं मत घबराना,
दीवानो का दीवाना।।
फटक से ये उठाता,
अपने गले लगाता,
इनके सहारे चलता,
जो जोड़े इनसे नाता,
पूछो इन दीवानो से,
गहरा इनका याराना,
इसके होते हार कहाँ,
कभीं मत घबराना।।
कभी मत घबराना,
दीवानो का दीवाना,
इसके होते हार कहाँ,
कभीं मत घबराना,
कभीं मत घबराना,
दीवानो का दीवाना।।
ये समां है प्यारा,
सजा है श्याम हमारा,
बैठा मुरलिया वाला,
ये सेठ सांवरिया प्यारा,
लिखे तक़दीर तेरी,
दुनिया कहे दीवाना,
इसके होते हार कहाँ,
कभीं मत घबराना।।
कभी मत घबराना,
दीवानो का दीवाना,
इसके होते हार कहाँ,
कभीं मत घबराना,
कभीं मत घबराना,
दीवानो का दीवाना।।
मिलना जरा तू आके,
मेरे श्याम के द्वारे,
यहाँ नहीं है पहरे,
जो श्याम को पुकारे,
दौड़ा चला आएगा,
सुनके दिल का अफसाना,
इसके होते हार कहाँ,
कभीं मत घबराना।।
कभी मत घबराना,
दीवानो का दीवाना,
इसके होते हार कहाँ,
कभीं मत घबराना,
कभीं मत घबराना,
दीवानो का दीवाना।।
तू मगन रहना,
मेरे श्याम से कहना,
करूँ भजन मैं तेरा,
मेरे संग संग रहना,
श्याम ‘सजन’ डूबा,
देख तेरा नजराना,
इसके होते हार कहाँ,
कभीं मत घबराना।।
कभी मत घबराना,
दीवानो का दीवाना,
इसके होते हार कहाँ,
कभीं मत घबराना,
कभीं मत घबराना,
दीवानो का दीवाना।।