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विविध भजन

Koi piwe sant sujan naam ras mitha re,कोई पीवे, संत सुझान,नाम रस मीठा रे

कोई पीवे, संत सुझान,
नाम रस मीठा रे


कोई पीवे,कोई पीवे,कोई पीवे,
कोई पीवे, संत सुझान,
नाम रस मीठा रे
कोई पीवे,कोई पीवे,कोई पीवे,
कोई पीवे, संत सुझान,
नाम रस मीठा रे
कोई पीवे,कोई पीवे,कोई पीवे,
कोई पीवे, संत सुझान,
नाम रस मीठा रे ॥


राजवंश की रानी पी गयी, एक बूँद इस रस का
भैया रे एक बूँद इस रस का, ओ भाई रे एक बूँद इस रस का ।
आधी रात महल तज चलदी, रहू न मनवा बस का।
भैया रे रहू न मनवा बस का। ओ भाई रे रहू न मनवा बस का।
गिरिधर की दीवानी मीरा, ध्यान छूटा अप्यश का।भैया रे ध्यान छूटा अप्यश का। ओ भाई रे ध्यान छूटा अप्यश का
बन बन डोले….बन बन डोले श्याम बांवरी लगे ओ नाम का चस्का।
लगेओ नाम का चस्का, लगे ओ नाम का चस्का

नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे
नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे
कोई पीवे,कोई पीवे,कोई पीवे,
कोई पीवे,कोई पीवे, संत सुझान,
नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे
नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे

नामदेव रस पीया रे अनुपम, सफल बना ली काया।
भैया रे सफल बना ली काया, ओ भाई रे सफल बना ली काया
नरसी का एक तारा कैसे जगतपति को भाया।
भैया रे जगतपति को भाया, ओ भाई रे जगतपति को भाया
तुलसी सूर फिरे मधुमाते, रोम रोम रस छाया।
भैया रे रोम रोम रस छाया, ओ भाई रे रोम रोम रस छाया।
भर भर पी गयी ओ..ओ..भर भर पी गयी ब्रज की गोपिका,
भर भर पी गयी ब्रज की गोपिका,जिन सुन्दरतम पी पाया॥

नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे
नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे
राधे राधे राधे राधे राधे राधे
राधे राधे राधे राधे राधे राधे
कोई पीवे,कोई पीवे,कोई पीवे,
कोई पीवे,कोई पीवे, संत सुझान,
नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे
नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे

ऐसा पी गया संत कबीर, मन हरी पाछे ढोले,
भैया रे मन हरी पाछे ढोले, ओ भाई रे मन हरी पाछे ढोले।
कृष्ण कृष्ण जय कृष्ण कृष्ण, नस नस पार्थ की बोले।
भैया रे नस नस पार्थ की बोले, ओ भाई रे नस नस पार्थ की बोले ।
चाख हरी रस मगन नाचते शुक नारद शिव भोले।
भैया रे शुक नारद शिव भोले, ओ भाई रे शुक नारद शिव भोले
कृष्ण नाम,कृष्ण नाम,कृष्ण नाम, कह लीजे। पढ़िए सुनिये भागती भागवत, और कथा क्या कीजे।
गुरु के वचन अटल कर मानिए, संत समागम कीजे।
कृष्ण नाम रस बहो जात है, तृषावंत होए पीजे।
सूरदास हरी शरण ताकिये, वृथा काहे जीजे॥

नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे
नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे
कोई पीवे,कोई पीवे,कोई पीवे,
कोई पीवे,कोई पीवे, संत सुझान,
नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे
नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे

वह पायेगा क्या रस का चस्का, नहीं कृष्ण से प्रेम लगाएगा जो।
वह पायेगा क्या रस का चस्का, नहीं कृष्ण से प्रेम लगाएगा जो।
अरे कृष्ण उसे समझेंगे वाही, रसिकों के समाज में जाएगा जो।
ब्रिज धूलि लपेट कलेवर में, गुण नित्य किशोर के गायेगा जो।
हसता हुआ श्याम मिलेगा उसे, निज प्राणों की बाजी लगाएगा जो॥

नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे
नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे
कोई पीवे,कोई पीवे,कोई पीवे,
कोई पीवे,कोई पीवे, संत सुझान,
नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे
नाम रस मीठा रे,नाम रस मीठा रे

कोई पीवे,कोई पीवे,कोई पीवे,
कोई पीवे, संत सुझान,
नाम रस मीठा रे
कोई पीवे,कोई पीवे,कोई पीवे,
कोई पीवे, संत सुझान,
नाम रस मीठा रे
कोई पीवे,कोई पीवे,कोई पीवे,
कोई पीवे, संत सुझान,
नाम रस मीठा रे ॥

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