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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Jiwan hai tera kora kagaj man hai kalam siyahi,जीवन है तेरा कोरा कागज मन है कलम सियाही,nirgun bhajan

जीवन है तेरा कोरा कागज मन है कलम सियाही

जीवन है तेरा कोरा कागज मन है कलम सियाही। जो भी लिखना है तूं लिख ले मेहनत करके भाई।

सपने तो तेरे अपने हैं सब अपना हो जाएगा। प्रेम के पद पर मिथ्या से,मन का वेग दौड़ाएगा। काम क्रोध मद लोभ को वश में कर ले जो हमराही।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जो भी लिखना है तूं लिख ले मेहनत करके भाई।

जीवन है तेरा कोरा कागज मन है कलम सियाही। जो भी लिखना है तूं लिख ले मेहनत करके भाई।

दुनिया एक मुसाफिर खाना दो दिन यहां ठिकाना रे। दो दिन का तेरा यहां बसेरा काम है सब निपटाना रे। एक तरफ यहां कुआं खुदा है एक तरफ है खाई।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जो भी लिखना है तूं लिख ले मेहनत करके भाई।

जीवन है तेरा कोरा कागज मन है कलम सियाही। जो भी लिखना है तूं लिख ले मेहनत करके भाई।

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