तर्ज – लल्ला की सुन के मैं आई।
बाजे रे शंख और नगाड़े,
अंजनी के घर ललना पधारे,
ललना पधारे प्यारे बाला पधारे,
बाजे रे शँख और नगाड़े,
अंजनी के घर ललना पधारे।।
शिव ने ले अवतार लीला रचाई,
मैया अंजनी के घर बजती बधाई,
नगरी में, नगरी में,
नगरी में गूंजे रे जयकारे,
अंजनी के घर ललना पधारे,
बाजे रे शँख और नगाड़े,
अंजनी के घर ललना पधारे।।
मैया ने बालक अनोखा है जाया,
वानर सा रूप प्यारा सबको लुभाया,
रघुवर का, रघुवर का,
रघुवर का सेवक बना रे,
अंजनी के घर ललना पधारे,
बाजे रे शँख और नगाड़े,
अंजनी के घर ललना पधारे।।
धन्य हुए है गगन और धरा भी,
हर्षित हो देवो ने पुष्प वर्षा की,
गाओ जी, गाओ जी,
गाओ जी गीत प्यारे प्यारे,
अंजनी के घर ललना पधारे,
बाजे रे शँख और नगाड़े,
अंजनी के घर ललना पधारे।।
दास भी देखो खुशियां मनाएं
भक्तो संग मंगल गावे,
बाला ने, बाला ने,
बाला ने दर्शन दिया रे,
अंजनी के घर ललना पधारे,
बाजे रे शँख और नगाड़े,
अंजनी के घर ललना पधारे।।
बाजे रे शंख और नगाड़े,
अंजनी के घर ललना पधारे,
ललना पधारे प्यारे बाला पधारे,
बाजे रे शँख और नगाड़े,
अंजनी के घर ललना पधारे।।