तर्ज,फकीरा चल
आया दुनिया से हार, बोल छोड़ कहां मैं जाऊं तुझ को सरकार। कर लो स्वीकार, कर दया कर, कन्हैया कर दया कर।
सुनते हैं जो हार के आता है उसका साथ निभाता है। कितनों की तकदीर है बदली कितनों का तू विधाता है। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मेरा बनजा आधार, तुझे दिखती नहीं क्या मेरे अश्वन की धार।कर दया कर, कन्हैया कर दया कर।
आया दुनिया से हार, बोल छोड़ कहां मैं जाऊं तुझ को सरकार। कर लो स्वीकार, कर दया कर, कन्हैया कर दया कर।
कृष्णा ने बस इसी भरोसे कलयुग तेरे नाम किया। पग पग देगा उसको सहारा हार के जिसने नाम लिया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 अब तो सुन ले पुकार, मेरी डूबी हुई नईया का तूं बनजा खेवनहार।कर दया कर, कन्हैया कर दया कर।
आया दुनिया से हार, बोल छोड़ कहां मैं जाऊं तुझ को सरकार। कर लो स्वीकार, कर दया कर, कन्हैया कर दया कर।
नाम तेरा छलिया है लेकिन जग यह सारा छलावा है। हमने अपने मन मंदिर में केवल तुझे बिठाया है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 दे दे थोड़ा सा प्यार, मर जाऊंगा अगर तूने कर दिया इनकार। कर दया कर, कन्हैया कर दया कर।कर दया कर, कन्हैया कर दया कर।
आया दुनिया से हार, बोल छोड़ कहां मैं जाऊं तुझ को सरकार। कर लो स्वीकार, कर दया कर, कन्हैया कर दया कर।