कोई आवे या ना आवे, यो आड़े आसी जी,
तू टेर लगाले सांवरिया ने, दौड़यो आसी जी,
कोई आवे या ना आवे।
सूझे ना जद रास्तो कोई,
होज्यो मनडो अधीर,
घायल मन की बात ये सुणसी,
आये बंधासी धीर,
धीर बंधासी बाबो,
धीर बंधासी बाबो,
सिर पर हाथ फिरासी जी,
तू टेर लगाले सांवरिया ने,
दौड़यो आसी जी,
कोई आवे या ना आवे।
रोते जद आंखडल्या थारी टप टप टपके नीर,
एक एक आसूं ने पीछे दूर भगावे पीर,
पौछ आसूंडा शारा,
पोछ आंसूड़ा धारा,
हिबड़े लिपटासी जी,
कोई आवे या ना आवे,
सूरदास , मीरा , कर्मा सब कह गया संत फकीर,
लाज बचाई थी द्रौपदी की नानी बाई को वीर,
नानी बाई को वीर,
यो चमन करसी जीवन, यो चमन करसी जीवन
भव पार लगासी जी,
तू टेर लगाले सांवरियां ने दौड़यो आसी जी।
तू टेर लगाले सांवरियां ने दौड़यो आसी जी।
कोई आवे या ना आवे, यो आड़े आसी जी,
तू टेर लगाले सांवरिया ने, दौड़यो आसी जी,
कोई आवे या ना आवे।