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थारे घट में विराजे भगवान बहार काई ढूंढती फिरे


थारे घट में विराजे भगवान बहार काई ढूंढती फिरे भजन लिरिक्स
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थारे घट में बिराजे भगवान ,
बहार काई ढूंढती फिरे।
ढूंढती फिरे बहार ढूंढती फिरे ,
थारे घट में बिराजे भगवान।
बहार काई ढूंढती फिरे

नो नायी रे नोरता ,
दस वे नाई काती।
राम नाम की सार नी जाणे ,
फिरे गलियों रे माई नाटी।
पीपल रे डोरा बाँधती फिरे।
थारे घट ….

मूरत कोर मंदिर में मेली ,
वा काई मुंडे बोले।
माई बैठो मस्त पुजारी ,
बिना हुकम नहीं खोले।
चन्दन का टिका काढ़ती फिरे।
थारे घट। ….

जीवत बाप री सार नी जाणे ,
मरिया गंगा ले जावे।
आसोजा में करे रे सरादा ,
कागा ने बाप बनावे।
आका रा पत्ता तोड़ती फिरे।
थारे घट ….

उत्तर खंडा सु चाली नदिया ,
पांचो कपडा धोले।
राम नाम की साबुन लगाले ,
हरी भजना रे माई ओले।
नखराली सुरता नावती फिरे।
थारे घट ….

रामानंद मिल्या गुरु पूरा ,
भरम जीव रा खोले।
कहत कबीर सुणो भाई साधो ,
पर्वत राई रे ओले।
पर्वत री छाया ढूंढती फिरे।

थारे घट में बिराजे भगवान ,
बहार काई ढूंढती फिरे।
ढूंढती फिरे बहार ढूंढती फिरे ,
थारे घट में बिराजे भगवान।
बहार काई ढूंढती फिरे

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