बीड़ो उठायो हनुमान हठीलो,
बीड़ो उठायो राजा राम रो ।
आज भलां अंजनी रो जायो,
बीड़ो उठायो राजाराम रो ॥
पाँच पानां रो बीडो रे बणायो,
भरी सभा में फेरियो जी ।
उण बिड़ला ने कोई नहीं झेल्यो,
हनुमत हाथ उठायो जी ॥
बीड़ो उठायो हनुमान हठीलो,
बीड़ो उठायो राजा राम रो ।
बीडो उठायो मुख में दबायो,
चरणां शीश निवायो जी ।
कर किलकारी कूद गयो सागर,
पिणघट आसन लगायो जी ॥
बीड़ो उठायो ।
पाणी री पणिहा – बोली,
कौण जिनावर आयो जी ।
जिण देश री सीता कहिजे,
उण देश रो वानर आयो जी ॥
बीड़ो उठायो हनुमान हठीलो,
बीड़ो उठायो राजा राम रो ।
इतरी बात सुणी हनुमत ने,
नवल बाग में आयो जी ।
जिणवृक्ष नीचे सीता बैठी,
ला मुंदड़ी छिटकायो जी ॥
बीड़ो उठायो ।
देख मुंदड़ी झुरवा ने लागी,
कौण जिनावर आयो जी ।
तुलसीदासआस रघुवर की,
नैणां नीर भर आयो जी ॥
बीड़ो उठायो हनुमान हठीलो,
बीड़ो उठायो राजा राम रो ।
बीड़ो उठायो हनुमान हठीलो,
बीड़ो उठायो राजा राम रो ।
आज भलां अंजनी रो जायो,
बीड़ो उठायो राजाराम रो ॥