तर्ज – तू जब जब मुझको पुकारे
मै आया हूँ तेरे द्वारे,गणराज गजानन प्यारे
मेरी नैया पड़ी है किनारे,ओ विघन विनाशन हारे।
मुझे कौन संभाले,मेरी लाज बचाले,मेरे मन मोहिया।तेरा बस ध्यान किया गजानन नाम लिया
प्रथम मनाऊं मैं तुम्हे,गौरी पुत्र गणेश जी
दुस्टों का करते दमन,काटो कठिन कलेश जी।
विद्या का भंडार है, माया बड़ी अपार है
ये अद्भुत अवतार है, सबका बेड़ा पार है
मुझे कौन संभाले,मेरी लाज बचाले,मेरे मन मोहिया।तेरा बस ध्यान किया गजानन नाम लिया।
रूप चतुर्भुज है तेरा,मूरत बड़ी विशाल है,
मूसे पे असवार हो,बड़ी निराली चाल है।
रिद्धि सिद्धि सेवा करे,योगीजन तेरा ध्यान धरे।
भक्तो का उद्धार करे,भवसागर से पार करे।
मुझे कौन संभाले,मेरी लाज बचाले,मेरे मन मोहिया।।
तेरा बस ध्यान किया गजानन नाम लिया।
भक्तमण्डल गणराज का गाता हरदम गीत है।
इच्छा पूरी हो रही, होती सदा ही जीत है
जीवन मे जो चैन है,गणपति जी की देन है
अपना बनाया है तुझे,खुशी से चमके नैन हैं।
मुझे कौन संभाले,मेरी लाज बचाले,मेरे मन मोहिया।
तेरा बस ध्यान किया गजानन नाम लिया।