तर्ज,खईके पान
भोले शंकर डमरू वाला गले में है सर्पो की माला
हो पर्व तुम ने किया कमाल
पेहने शेरो की खाल
मैं हु भगत तुम्हारा बाबा।
अरे दुनिया सारी, तुम्हरे पीछे चले है ओ बाबा।
कर दुआ हमे भी, दे दो थोड़ी किरपा तुम्हारी। ओ बाबा ओ बाबा,
कैसे सीधे साधे तुम कैसे भोले भाले
जो भी मन से मांगे तुमसे सब कुछ पा ले।
तुम्हरी किरपा से हु मैं निहाल
मैं हु भगत तुम्हारा बाबा।
तुमने असुर संगारे, तुमने पापी मारे ओ बाबा।
त्रिनेत्र जो खोलो, काँपे है ये लोक सारे।
कलयुग आया पाप है छाया क्रोध दिखावा बाबा।
सब दुष्टों को भस्म करो और सबक सिखाओ बाबा।
करदो भोले धमाल
मैं हु भगत तुम्हारा बाबा।
भोले भंडारी, ओ जटा ओ धारी ओ बाबा।
न हो सन्यासी न हो संसार ओ बाबा।
तुम्हरी महिमा तुम्हरे करतब बाबा कोई न जाने।
सारे जगत पे किरपा करते पर बनते अनजाने ।
तुम्हरी किरपा से हुए निहाल,
मैं हु भगत तुम्हारा बाबा।
भोले शंकर डमरू वाला गले में है सर्पो की माला
हो पर्व तुम ने किया कमाल
पेहने शेरो की खाल
मैं हु भगत तुम्हारा बाबा।