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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Padharo shabri ke mehman,पधारो शबरी के मेहमान,krishna bhajan

पधारो शबरी के मेहमान।

तर्ज,भगत के वश में है भगवान

पधारो शबरी के मेहमान।

बिना प्रेम दुर्योधन के घर छोड़ चले पकवान।रूखे साग विधुर घर खायो,प्रेम सहित सुख मान।पधारो शबरी के मेहमान।

द्रुपद सूता की लाज बचाई,मध्य सभा में आय।खिचत चीर दुशासन हारा,चूर किया अभिमान।पधारो शबरी के मेहमान।

जल डुबत गजराज उबारे, तात शब्द सुन कान।सारथी पद पारथ रथ हांक्यो,समर भूमि मैदान।पधारो शबरी के मेहमान।

गणिका गिद्ध अजामिल पापी,तारे अधम महान।हम भी आए शरण तिहारी,मीरा के भगवान।पधारो शबरी के मेहमान।

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