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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Gar jor mero chale chunari udhau tane lakh ki,गर जोर मेरो चाले चुनरी उढ़ाऊं तने लाख की,dadi bhajan

गर जोर मेरो चाले चुनरी उढ़ाऊं तने लाख की।

गर जोर मेरो चाले चुनरी उढ़ाऊं तने लाख की।की करा पर दादी कोन्या,बात या मेरे हाथ की।

रत्न जड़ित सिंहासन बैठया,महारानी सा लागो।सारी दुनियां माही दादी,थे क्षत्रानी बाजो।🌺🌺लाखों की चुनरी थारे पर मैया चोखी लागसी।गर जोर मेरो चाले चुनरी उढ़ाऊं तने लाख की।

क्षत्र सोहे सोने का सिरपर,गले नौलखा हार है।हीरे की नथलि कुंडल को,गजब हुयो सिंगार है।कईयां लाऊं हल्की चुनर बोलो दादी आपकी।गर जोर मेरो चाले चुनरी उढ़ाऊं तने लाख की।

एक से बढ़कर एक भगत मां,तेरे द्वारे आवे है।चांद सितारों जड़ी चुनरी,थाने लाय उढावे है। देखूं जद खुद की चुनर ने आवे मने लाज सी।गर जोर मेरो चाले चुनरी उढ़ाऊं तने लाख की।

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