कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई,
पकड़ता ना कोई,
तेरे दर पे आके मेरी आँख रोई,
मेरी आँख रोई,
कलाई पकड़ ले पकडता ना कोई,
पकड़ता ना कोई।।
जिनको भी दिल के दुखड़े सुनाए,
वही मेरे अपने हुए सब पराए,
तेरी आस की मैने माला पिरोइ,
कलाई पकड़ ले पकडता ना कोई,
पकड़ता ना कोई।।
बड़ी है मुसीबत बताया ना जाए,
अब बोझ दुःख का उठाया ना जाए,
गमे आँसु से तेरी चौखट भिगोई,
कलाई पकड़ ले पकडता ना कोई,
पकड़ता ना कोई।।
अगर है दयालु दया अब दिखादे,
तेरे भगत की रोती आँखे हसा दे,
सिवा तेरे दुनिया में दूजा ना कोई,
कलाई पकड़ ले पकडता ना कोई,
पकड़ता ना कोई।।
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई,
पकड़ता ना कोई,
तेरे दर पे आके मेरी आँख रोई,
मेरी आँख रोई,
कलाई पकड़ ले पकडता ना कोई,
पकड़ता ना कोई।।
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Kalai pakad le pakadta na koi,कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई,shyam bhajan
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई,