तर्ज,बहुत प्यार करते है तुमको सनम
कभी तेरी चौखट ना छोड़ेंगे हम
चाहे खुशी हो या चाहे हो गम।
किया मैने जीवन तेरे हवाले
जैसे भी चाहे तुम मुझको नचाले
सेवा करेंगें तेरी जनमो जनम।।कभी तेरी चौखट ना छोड़ेंगे हम
चाहे खुशी हो या चाहे हो गम।
एहसान कितने तेरे बता भी ना पाएं
पाप किये है इतने गिना भी ना पाएं
तुम्हारे है मुझपर बाबा कितने करम।।कभी तेरी चौखट ना छोड़ेंगे हम
चाहे खुशी हो या चाहे हो गम।
जब से मिली है मुझको शरण ये तुम्हारी
दूर हुई है बाबा विपदाएं सारी
तेरी ये किरपा बाबा कभी हो ना कम।।कभी तेरी चौखट ना छोड़ेंगे हम
चाहे खुशी हो या चाहे हो गम।
तेरी लगन मे बाबा मगन हो मै जाऊं
करदे दया मुझपर गुण तेरा गाऊं
तेरे ही दर पर बढ़ते मेरा कदम।।कभी तेरी चौखट ना छोड़ेंगे हम
चाहे खुशी हो या चाहे हो गम।