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श्याम भजन लिरिक्स

Fasi bhawar me thi meri Naiya chalayi tune to chal padi,फंसी भंवर में थी मेरी नैया ,चलाई तूने तो चल पड़ी है,shyam bhajan

फंसी भंवर में थी मेरी नैया ,चलाई तूने तो चल पड़ी है ।


फंसी भंवर में थी मेरी नैया ,चलाई तूने तो चल पड़ी है ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पड़ी जो सोई थी मेरी किस्मत, वो मौज करने निकल पड़ी है।
फंसी भंवर में थी मेरी नैया,चलाई तूने तो चल पड़ी है ।

भरोशा था मुझको मेरे बाबा ,यकीन था तेरी रहमतो पे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
था बैठा चौखट पे तेरे कब से ,निगाहें निर्धन पे अब पड़ी है।
फंसी भंवर में थी मेरी नैया ,चलाई तूने तो चल पड़ी है।

सजाऊ तुझको निहारु तुझको ,पखारू चरणों को श्याम तेरे ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
में नाचू बन कर के मोर बाबा ,ये भावनाएं मचल पड़ी है।
फंसी भंवर में थी मेरी नैया ,चलाई तूने तो चल पड़ी है ।

हँसे या कुछ भी कहे जमाना ,जो रूठे तो कोई गम नहीं है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
मगर जो रूठा तू बाबा मुझसे ,बहेगी अश्को की ये झड़ी है।
फंसी भंवर में थी मेरी नैया,चलाई तूने तो चल पड़ी है।

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