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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Mera avgun bhara sharir re,hari ji kaise taroge,मेरा अवगुण भरा रे शरीर,हरी जी कैसे तारोगे,krishna bhajan

मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे

मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे तारोगे।


ना मैं छील खिलाए छिल्के,ना मैं फ़ाडे चीथरे दिल के,तेरी उंगली पे बाँधा ना चीर।
हरी जी कैसे तारोगे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मेरा अवगुण भरा रे शरीर,🌺🌺🌺🌺🌺
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे तारोगे।


हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे तारोगेमेरा अवगुण भरा रे शरीर,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे तारोगे।


मेरे नाथ मेरे नाथ,दीनानाथ, मेरे नाथ।मेरे नाथ मेरे नाथ,दीनानाथ, मेरे नाथ।

भव सागर में कूद पड़ा हूँ,मोह माया में जकड़ा पड़ा हूँ,मेरे पाँव पड़ी जंज़ीर,🌺🌺🌺🌺🌺
हरी जी कैसे तारोगे।हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे तारोगे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे तारोगे।


बार बार आने जाने में,जन्मों के ताने बाने में।
मेरी उलझ गयी तक़दीर,हरी जी कैसे तारोगे।
हरी जी कैसे तारोगे,मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे तारोगे।



चाहे लाख खामोश रहूं मैं,कितना भी निर्दोष रहूं मैं,मैं हूँ त्रुटियों की तस्वीर,हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे तारोगे।मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे तारोगे।



मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे तारोगे

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