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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Dharti satiya ri rajasthan,waha pe mera pran,धरती सतिया री राजस्थान, वहां पे मेरा प्राण बसता,dadi bhajan

धरती सतिया री राजस्थान, वहां पे मेरा प्राण बसता,

तर्ज – तुम आये तो आया मुझे

धरती सतिया री राजस्थान, वहां पे मेरा प्राण बसता,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
वहां झुंझुनु है एक धाम, जहां पे मेरा प्राण बसता।

मन करे झुंझुनु में बस जाऊ,मैया को नित भजन सुनाऊं।जाने कब होंगे पुरे अरमान,🌺🌺🌺
जहां पे मेरा प्राण बसता।धरती सतिया री राजस्थान, वहां पे मेरा प्राण बसता।

जब भी मेरा मन घबराये,दादी नाम ही पार लगाये,कष्ट टल जाते लेते ही नाम,🌺🌺🌺🌺
जहां पे मेरा प्राण बसता।धरती सतिया री राजस्थान, वहां पे मेरा प्राण बसता।

दुनिया में कोई स्वर्ग कहीं है,झुंझुनूं है, ये बात सही है,हम तो माने इसे चारों धाम,🌺🌺🌺🌺
जहां पे मेरा प्राण बसता।धरती सतिया री राजस्थान, वहां पे मेरा प्राण बसता।

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