राधे राधे रटूंगा आठो याम, ब्रिज की गलियों में।
चाहे ढल जाए जीवन की शाम, ब्रिज की गलियों में,🌺🌺🌺🌺🌺🌺
वृन्दावन को छोड़ कन्हैया, दूर कभी न जावे।
जो गावे राधे राधे, वा के संग हो जावे।
मुरली कान्हा की बाजे आठो याम,ब्रिज की गलियों में,राधे राधे रटुगा आठो याम, ब्रिज की गलियों में,
जिस की मर्जी के बिन जग में,पत्ता न हिल पावे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
धरती का चपा चपा, जिस की रचना कहलावे,
उसे कहते है राधे को गुलाम,ब्रिज की गलियों में।राधे राधे रटुगा आठो याम, ब्रिज की गलियों में,
जिस ने ब्रिज को देखा उसने, बाते है ये मानी,
यमुना यम को दूर करे, भव तारे राधे रानी,🌺
कण कण में है चारो धाम,ब्रिज की गलियों में,राधे राधे रटुगा आठो याम, ब्रिज की गलियों में,
सूरज ब्रिज के कण कण में, बस राधे राधे गूंजे,
भूल के सारी दुनिया जो, राधे चरणों को पूजे,
उन्हें मिल जाता है घनश्याम,ब्रिज की गलियों में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺राधे राधे रटुगा आठो याम, ब्रिज की गलियों में,
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राधे राधे रटुगा आठो याम, ब्रिज की गलियों में,